Kahanikacarvan

एक राज़ अनसुलझी पहेली – 3

पलक जिस भारीपन से वापस घर आई ये बस उसे ही पता था अनिकेत का अब कुछ पता नही था !! आखिर क्यों वह सबसे दूर है ? हुआ क्या है ? नाराज तो उसे होना था आखिर अनामिका और रूद्र की शादी में ड्रिंक करके बुरी हालत में वह था और बिन कहे वह ही चला गया था फिर आखिर किससे नाराज है और क्यों !! वह सोचती सोचती खुद पर ही बिफर पड़ी आखिर उसे अनिकेत की चिंता हो ही क्यों रही है, जाए कही भी और जो जी आए करे वो तो बस पहचान है इसलिए मिलने का मन हो आया पर अब तो कतई नाम नही लेगी वह उसका | एक गहरी चिढ के साथ वह झटके से बाहर का गेट खोलकर अन्दर आई तो बस टकरा कर गिरने को हो आई, अपनी जल्दबाजी में वह डोर के सामने रखे बॉक्स को देख ही नही पाई|

“कौन है जो बॉक्स घर के सामने छोड़ता है|” डिलीवरी बॉय पर उसे बड़ी तेज गुस्सा आ रहा था|

पलक झुककर बॉक्स उठाकर किनारे रखने वाली थी कि उसे उस बॉक्स के उपर सुनहरे कागज पर अपना नाम लिखा दिखा| अब अपना नाम लिखा देखकर वह अच्छे से उस बॉक्स की निरिक्षण करती है तो पाती है कि वह उसके जन्मदिन पर खासतौर पर भेजा गया था|

“अनमिका..!”

सोचकर ही ख़ुशी की गहरी परत उसके चेहरे पर नज़र आने लगी आखिर वह बॉक्स उठाकर अन्दर की ओर भागती है|

वह बड़ी तेजी से अन्दर की ओर आती है कि उसे देख झलक हकबकाती देखती हुई जल्दी से उसे टोकती है|

“क्या हुआ पल्लो !!”

पर कहाँ किसी की सुनने की धुन थी उसे वह झलक की ओर पूजा की थाली पकड़ा कर अब अपने दोनों हाथों में बॉक्स पकड़े कमरे की ओर भागती है और बिस्तर पर उसे धरकर बड़े प्यार से उसे निहारने लगती है|

“बाप रे पल्लो हुआ क्या !! और ये क्या है ?” अब उस कमरे में आती झलक कभी हैरान नजरों से उस बॉक्स को देखती कभी हैरत में पड़ी पलक को जो अभी भी उस बॉक्स को निहार रही थी|

“ओहो तुम्हारे जन्मदिन का तोहफा है – किसने भेजा ?” अब झलक भी पलक के बगल में बैठी बड़े गौर से उस बॉक्स को अलट पलट कर देखने लगी थी|

“अनु ने भेजा है |”

पलक की बात सुन संशय में पड़ी झलक पूछती है – “उसका नाम तो लिखा नही तो कैसे जाना ?”

“अरे देख न – कितने सुंदर तरीके से सुनहरे पेपर पर लिखा है मेरा नाम और अनु कहीं भी चली जाए पर मेरा जन्मदिन कैसे भूल जाती ?”

“तो चल न जल्दी से खोलकर देखते है कि हमारी राजकुमारी ने क्या भेजा है ?”

ये कहना था और झलक झट से बॉक्स को आवरण हीन करने लगी और ये क्या उसके अन्दर कोई और बॉक्स था, ये देख हैरानगी से दोनों एकदूसरे को देखती है|

“इसपर कुछ लिखा भी है ?”

दोनों दूसरे बॉक्स के ऊपर गौर से देखती हुई साथ में पढने लगती है – “गुलों को गुलशन ने…फिज़ा को बहारों ने…पैगाम भेजा है…ख्वाब पूरे हो आपके…ये दुआ सलाम हमने भेजा है…जन्मदिन मुबारक हो….|”

दोनों को कुछ समझ नही आया तो एकदूसरे की आँखों को पढ़ती वे अब अगला बॉक्स खोलने लगती है, उसे भी खोलती वे हैरान रह गई, उस अगले बॉक्स के ऊपर भी कुछ लिखा था|

जिसे पलक देखती हुई पढ़ती है – “हर लम्हे की ख़ुशी मुबारक हो आपको..जिंदगी हर लम्हा सौगात दे आपको…तमाम खुशियाँ जो सोचे वे मिल जाए आपको…रब से यही दुआ है कि हमारे साथ की ख्वाहिश हो आपको…|”

“ये अनु लिखकर भेजेगी…!!!”

झलक का पूछा प्रश्न पलक की आँखों में भी स्पष्ट हो आया| अब अगले बॉक्स को खोलने से वह खुद को नही रोक पाई और पलक अगला बॉक्स भी खोलने लगी जिसके ऊपर भी कुछ लिखा था जिसे झलक पढ़ रही थी|

“चांदनी में गर इतना नूर ना होता..मैं भी गर इतना मजबूर न होता..खुद बधाई देने आता आपको..गर आपसे इतना दूर ना होता..|”

“राजकुमार नवल..!!”

आखिरी बॉक्स तक आते दोनों के दिमाग में एक ही नाम एकसाथ गूंजा|

नवल का ख्याल आते पलक तुरंत बॉक्स को छोड़ देती है|

“अरे खोलकर तो देख क्या है इसमें ?” कहती हुई बिन पलक की कोई प्रतिक्रिया का इंतज़ार किए झलक उस आखिरी बॉक्स को खोलने लगती है|

बॉक्स को पूरा आवरणहीन करती अब जो उसकी हथेली के बीच था वह कोई डिजिटल एल्बम थी जिसे चमत्कृत आँखों से देख रही थी|

“ये बस नवल ही कर सकते है – क्या खूबसूरत एल्बम है वो भी डिजिटल – इसकी दस तस्वीरों में से आठ में सिर्फ तू है |”

कहती हुई झलक आँखों के कोरों से मुस्कराई तो पलक गुस्से में उठती हुई बेड से उतर जाती है|

“मुझे पहले पता होता तो बाहर ही छोड़ देती इस डब्बे को |”

पलक गुस्से में पैर पटकती तुरंत ही बाहर चली गई| झलक मुंह खोले उसे देखती रही फिर वह उठकर उसे पलक की स्टडी टेबल में सजाकर रख देती है|

पलक को अपना जन्मदिन हमेशा परिवार के साथ मनाना अच्छा लगता था जब वह हॉस्टल में थी तब भी एक दिन के लिए भी पर घर आ जाती थी जहाँ सदा की तरह पूरा परिवार उस दिन को उत्सव की तरह मनाता और आज भी वे सब उसके लिए तैयारीयों में लगे थे| शाम को केक के कटने से लेकर उस केक की क्रीम पलक के गालों में चमकने तक सबकी खिलखिलाहट से घर गूंजता रहा|

क्रमशः……………………….

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!