
एक राज़ अनसुलझी पहेली – 58
झलक बुरी तरह घायल होकर बेहोश थी| रचित उसे लिए ज्यादा दूर नही ले जा सका| वह उसे लिए सीढ़ियों से उतरते पहले कमरे में उसे लाता सोफे पर लेटा देता है| वह एक बैठक थी| उसे लेटाते सबसे पहले वह डॉक्टर को फोन लगाकर तुरंत आने का बोलता अब झलक की ओर देखता है| ये पहला अवसर था जब झलक का चेहरा वह इतने करीब से देख रहा था| फूल सा नाजुक चेहरा खून से सन चुका था| उसके माथे के कोर से अभी भी खून बह रहा था जिससे उसके सर पर बंधी रचित की सफ़ेद शर्ट अब लाल हो गई थी| वह झलक का चेहरा थपथपाता उसे उठाने का प्रयास करता है पर सब निष्फल रहता| उसे डॉक्टर के आने से पहले किसी भी तरह से उसे प्राथमिक उपचार पहुँचाना था| वह जल्दी से उसे सीधा लेटाकर उसके माथे के बंधन को और कसता हुआ उठ जाता है| बैठक में रखे छोटे फ्रिज पर उसकी नज़र जाते वह जल्दी से उसमे से बर्फ निकालकर उससे सर के आस पास लगाता हुआ अतिरिक्त खून बहने से रोकने का प्रयास करने लगता है| एक हाथ से बर्फ लगाता है तो दूसरे हाथ से उसकी हथेली रगड़ता है| उस पल उसे बस किसी भी तरह से डॉक्टर के आने से पहले उसे बहते खून को रोकना था| डॉक्टर भी जितनी जल्दी आ सकते थे वह वहां आते है और उनके पीछे पीछे दो तीन सेवक|
“डॉक्टर साहब – जल्दी कुछ करिए |” रचित हडबडाता हुआ उठकर डॉक्टर को उस ओर खींचता हुआ कहता है|
डॉक्टर और सेवक उस पल रचित का ये व्यवहार देख दो पल को अपनी निगाह उस पर दौड़ा देते है| रचित जो बिना शर्ट के उनके सामने खड़ा था और झलक बेहोश खून में सनी पड़ी थी| एक सेवक तुरंत बाहर निकलकर सूचना देने चला जाता है तो बाकी के दोनों झलक के आस पास खड़े होते डॉक्टर को उसका प्राथमिक उपचार करने में सहायता देते है|
रचित अभी भी वही खड़ा बड़ी अफ़सोस नज़र से झलक को देख रहा था| कही न कही उसके मन में इस बात का मलाल था कि अगर समय रहते वह झलक को रोक लेता तो आज उसकी ये हालत न होती पर उस पल कहाँ उसे वह समझ पाया| जिसे वह उसका मजाक समझ रहा था अब वह एक गहन हादसे में बदल चुका था| ]
तभी वहां भागती हुई शारदा, नंदनी आती है| शायद सेवक ने सबसे पहले उन्हें झलक की सूचना दी|
“ये क्या हुओ डॉक्टर साहब ?” शारदा हकबकाई झलक को तो कभी डॉक्टर की ओर देख रही थी|
“मैंने एम्बुलेंस बुला ली है इन्हें जल्दी से जल्दी हॉस्पिटल पहुँचाना पड़ेगा |”
“हाँ हाँ जल्दी करो डॉक्टर – आप हॉस्पिटल पहुँचो – मई राणी साहिबा को खबर करती हूँ |”
अगले ही पल बिना समय गंवाए स्ट्रेचर में झलक को लिए डॉक्टर चले जा रहे थे तो साथ में अपनी माँ के कहने पर नंदनी भी उनके साथ हो ली| अभी सुबह हुई भी नही थी और सारे महल में घोर हलचल मच गई| झलक के घायल होने और हॉस्पिटल जाने की खबर महल में हर किसी को हो गई थी| रचित जो पहला प्रत्यक्षदर्शी था सब उसके पूछते है| वह अबतक दूसरी शर्ट पहन चुका था पर खून के दाग अभी भी उसकी देह पर आस साफ़ नज़र आ रहे थे|
रानी साहिबा इसे अपने ऊपर हुई घटना से जोड़कर समझने लगी इसलिए ज्यादा कुछ नही पूछा पर रूद्र ने आते सबसे पहले रचित से सब जानना चाहा| अनामिका भी बुरी तरह से घबरा गई थी|
“मुझे ज्यादा कुछ नही पता बस उन्हें महल के ऊपरी हिस्से पर जाते हुए देखा शायद वहां अँधेरा होने से उनका पैर फिसल गया हो |”
रचित की बात से असंतुस्ष्ट होती अनामिका पूछ उठी – “पर वह आधी रात वहां क्यों जाएगी ?”
इसपर सभी मौन उसका चेहरा देखते रहे| अब रानी सा के साथ साथ अनामिका और रूद्र भी हॉस्पिटल के लिए निकल गए थे पर उन सबमें शौर्य कही नही था|
सोन महल के होटल वाले हिस्से में किसी अज्ञात रूम में जॉन बहुत देर की मेहनत के बाद आखिर महल के निवास क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरा हैक कर लेता है| अनिकेत भी वही मौजूद था और दोनों एक एक करके सभी वीडियो देख रहे थे| अनिकेत जिन चेहरों को पहचाता था उनके बारे में जॉन को बता रहा था –
“ये रूद्र है राजा साहब के बड़े बेटे और उनके साथ ये अनामिका पलक की सहेली – ये नागेन्द्र जी है जो महल के निवास स्थान की सारी व्यवस्था देखते है – रानी साहिबा और उनके साथ साथ रहने वाली ये उनकी सेविका शारदा – समझो ये उनका दाहिना हाथ है |” फिर नंदनी के वीडियो को देखते हुए कहता है – “ये शायद शारदा देवी की बेटी ही है मैं पूरी तरह से नहीं कह सकता और ये क्या !!”
अब उनकी नज़रो के सामने गलियारे से गुजरते झलक के पीछे पीछे चलते रचित का वीडियो था जिसे जॉन ध्यान से देखते हुए पूछता है – “ये तो झलक ही है पर आधी रात ये कहाँ जा रही है और उसके पीछे पीछे चलता ये कौन है -?”
“ये तो रचित है होटल का मेनेजर इससे मैं अपने जाने वाले दिन मिला था जब मैं पिछली बार महल में आया था तब शायद ये कही बाहर गया हुआ था|”
“पर ये रात में झलक के पीछे क्यों जा रहा है ?”
अब दोनों इस प्रश्न पर मूक एकदूसरे का चेहरा देखते रहे|
“चलो और वीडियों देखते है |”
अनिकेत की बात पर जॉन कई वीडियो आगे आगे बढाकर देखते हुए कहता है – “हमने अभी तक किसी भी वीडियों में पलक को नही देखा – क्या वह महल में नही है क्या !!”
“और वीडियो देखो – हमे कुछ न कुछ सुराग जरुर मिलेगा|” अनिकेत की निगाह लैप टॉप की स्क्रीन में ही टिकी थी|
जॉन स्क्रोल करता करता कहता है – “बस एक कैमरे को छोड़कर बाकी के सभी कैमरे से कनेक्ट कर चुका हूँ – शायद वह खराब हो !”
“हम्म..|” अनिकेत की निगाह अभी भी वही जमी थी|
“न नवल दिखा और न पलक !! क्या वे बाहर गए है !!”
जॉन के इस एक प्रश्न से अनिकेत के चेहरे के हाव भाव बदल गए| उसके चेहरे में उलझन के हाव भाव उतर आए थे|
हॉस्पिटल के ऑपरेशन थेयटर के प्रांगन में खड़ी रानी साहिबा हाथ मलती अपनी सोच में डूबी थी|
‘ये कुछ भी सही संकेत नही है – अब अगर हमने जरा और देर की तो हम कही अपना परिवार न खो दे लेकिन पलक है कहाँ ?? जब तक हम राजा साहब को सब बता नही देते तब तक हमे सभी को उस कक्ष से दूर रखना होगा लेकिन वह मिट्टी कब तक उस साए को रोक पाएगी – उफ़ पता नही हम…..!’
वही अनामिका अपनी ख़ामोशी में आन्तरिक सुबकती चुपचाप खड़ी थी| शारदा, नंदनी, रूद्र भी पशोपेश की स्थिति में खड़े थे| तो सबसे पीछे कोने में रचित खड़ा था जिसके चेहरे के सपाट भाव से उसके अंतर्मन का अंदाजा लगाना भी मुश्किल था पर घंटो से वह एक ही मुद्रा के मूक फर्श को घूरता हुआ खड़ा था|
तभी ऑपरेशन थेयटर से बाहर निकलते डॉक्टर की ओर सबकी निगाह दौड़ जाती है| अनामिका तो लगभग भागती हुई उनके असब्र होती पूछ उठी – “कैसी है हमारी झलक – क्या होश आ गया उसे –बोलती तो है न वह – क्या मिल सकती हूँ उससे ?” अनामिका की हडबडाहट उसकी बिफरी हालत अच्छे से बयाँ कर रही थी| रूद्र उसकी हालत देख तुरंत उसे सँभालने उसकी ओर आते है| उनके भरोसे के स्पर्श से अब अनामिका मौन ही डॉक्टर की ओर देखने लगी थी|
डॉक्टर रानी साहिबा के सामने खड़े होते हुए कह रहे थे – “ऑपरेशन सफल रहा लेकिन अभी उन्हें होश नही आया है और अगर चौबीस घंटे तक उन्हें होश नही आया तो बहुत मुश्किल हो सकती है |”
“मुश्किल !! कैसी मुश्किल ?” रानी साहिबा अवाक् पूछती है|
“कुछ कह नही सकते – कोमा में भी जा सकती है या यादाश्त ही खो सकती है या भी उनकी साँसे ही रुक सकती है |”
“नही..!!” ये सुनते अनामिका के हलक से जैसे कोई चीख उभर आई|
“ये क्या कह रहे है आप डॉक्टर – आप अपनी बेहतर से बेहतर कोशिश करिए |” रानी साहिबा अपनी सख्त आवाज में कहती है जिससे हामी में सर हिलाते डॉक्टर चला जाता है और अपने पीछे प्रश्नों का सुलगता अंगारा छोड़ जाता है|
क्रमशः………
Very very🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔👍