Kahanikacarvan

एक राज़ अनुगामी कथा  – 13

तानिया अपने सामने खड़ी झलक का खुला मुंह उसकी ठोड़ी पर हथेली रखकर बंद करती हुई बोली – “मक्खी चली जाएगी |”

ये सुन शर्मीला हँस दी तो अनामिका और पलक की त्योरियां चढ़ गई| अब बात उनकी समझ में आ गई थी कि महीने में एक बार हॉस्टल की लड़कियों में से किसी की वर्क इंचार्ज की बारी लगती थी जिसमे हर लड़की के कमरे की जो डुप्लीकेट चाभी ऑफिस में रहती है उससे ताला खुलवाकर कमरे के परदे लेकर धुलवाए जाते है और लडकियां कमरा साफ़ रखती है कि नहीं ये भी देखा जाता| ये उनका बैड लक था कि इस बार तानिया की बारी आई और छुपाया मोबाईल उसके हाथ में आ गया|

“सोच रही हूँ हेड मैम से मिल आती हूँ |’ तानिया अपनी हथेली के बीच रखे मोबाईल को उनकी आँखों के सामने घुमाती हुई बोली तो तीनों के पसीना छूट गया|

मोबाईल देखते झलक के पास आती अनामिका लपकती बोलने को हुई तो झलक उसका हाथ दबाती न में इशारा करती है जिससे मन मसोजे अनामिका खामोश रह जाती है| ये देख तानिया चिढ़ते हुए बोलती है – “लगता है तुम्हारा नही है तो हेड मैम को दे आती हूँ |”

“नहीं ———– मेरा है ये |” मना करने के बावजूद अनामिका का मन नही माना और झलक के आगे आती वह मोबाईल की तरफ हाथ बढ़ाती हुई बोली|

“ओहो हॉस्टल में मोबाईल – सोचती हूँ हेड मैम को मोबाईल दूंगी तो कैसा रहेगा ?”

“देख तानिया हेड मैम को मोबाईल देकर कोई फायदा नही होगा तुम्हारा |”

“और नही देने पर भी क्या फायदा होगा ?” झलक की बात सुन तानिया तुरंत प्रतिक्रिया करती है|

अब तीनों घबराई सी एकदूसरे का चेहरा देखती है|

“चलो अन्दर बैठकर कुछ सोचते है|” कहती हुई तानिया और उसके पीछे पीछे शर्मीला दोनों झलक को परे धकेलती अन्दर आ जाती है अब तीनों उनकी तरफ मुड़ी अजीब निगाह से उन्हें देख रही थी| मोबाईल अभी भी तानिया के हाथों में था और अनामिका झलक से कुछ करने का निवेदन आँखों ही आँखों में कर रही थी|

“हर चीज की कोई न कोई कीमत तो होती है – मोबाईल वापस कर दूँ तो इसमें मेरा क्या फायदा होगा ?” तानिया कहती कहती कमरे में एक सरसरी निगाह दौड़ाती है तो उसकी नज़र बेड पर आधे खुले पैकेट से झांकते कपड़े पर अटक जाती है|

“अरे वाह – लगता है अभी अभी शोपिंग करके आ रही हो |” कहती हुई दोनों अनामिका के तांत के कुर्ते और झलक के राजस्थानी लहंगे को अपने पर लगाकर लगाकर देखने लगी|

“अरे अरे ये क्या बतमीजी है ?” झलक उबलती उनके सर पर खड़ी होती उनके हाथ से कपड़े लेने लगती है|

“सोच लो हम अगर मोबाईल मैम तक पहुंचा देंगे तब एग्जाम से पहले ही तुम लोग घर भेज दी जाओगी – तब अपने घर में क्या कहोगी कि क्यों हॉस्टल का रूल तोड़ा |” अपनी तीखी आँखों से घूरती वह कपड़ो पर अपनी पकड़ और मजबूत कर लेती है|

अनामिका झलक से आँखों से ही कपड़े छोड़ने का निवेदन करती है| जिससे झटके के साथ कपड़ों से अपनी पकड ढीली करती झलक पैर पटकती उनसे दूर हो जाती है| ये देख तानिया और शर्मिला जल्दी से अनामिका और झलक के लाए कपड़ों का पैकेट समेटकर उठती हुई बोली –

“जाओ बहुत छोटी सी कीमत पर तुम लोगों को माफ़ किया |” कहती हुई अनामिका के हाथ में मोबाईल पटकती तिरछी मुस्कान छोड़ती चली गई|

“भाड़ में जाओ |” उन दोनों के निकलते तेजी से दरवाजा बंद करती झलक झटके से आती बेड पर बैठी तो पलक और अनामिका उसका रौद्र रूप देख अपनी जगह थमी रह गई|

“उन दोनों को न मैं छोडूंगी नहीं – मेरा ढाई हज़ार का लहंगा लेती हुई बोलती है छोटी सी कीमत – हूँअ |”

“सॉरी झलक – सब मेरी वजह से हुआ न !” 

अनामिका झलक के पास बैठी तो पलक भी वही बैठती हुई बोली – “मेरा लहंगा बच गया न – वो मैं तुझे दे दूंगी |”

“नही चाहिए किसी का – मुझे तो अपना वाला ही चाहिए – एनी हाउ |” उनके बीच से उठती झलक उन दोनों की तरफ मुंह करती कमर में हाथ रखती हुई बोली|

“उन पागलों के मुंह क्यों लगना देखना उससे भी अच्छा लहंगा लाकर दूंगी राजस्थान से |” उठकर  उसके कधे पकडती हुई अनामिका उसे मनाती है पर झलक का मुंह तो गुस्से में लाल ही बना रहा|

“छोड़ न झल्लो |” पलक भी उसे मना रही थी|

“अब से ये मुसीबत मैं हॉस्टल में ही नही रखूंगी – दीपा को दे दूंगी वह अपने घर ले जाएगी – उसका घर कॉलेज के पास ही है तो उसके घर जाकर बात कर आउंगी |”

“वैसे भी अब एक महीन ही तो शेष है – दस दिन बाद एग्जाम है फिर छुट्टी – तब सभी अपने अपने घर चले जाएँगे |”

“और वो चुड़ैल मेरा लहंगा पहनकर मेरे सामने मटकेगी -|”

झलक का गुस्से में फूला मुंह देख दोनों को कुछ कहते न बना बस मन ही मन सोचने लगी कि अब जाने और कौन सी आफत आने वाली है|

देखते देखते सभी एग्जाम में व्यस्त हो गई| इस बीच ना पढ़ने वाले भी पढ़ते नज़र आते है| पलक झलक और अनामिका ने मस्ती छोड़ अपना सारा का सारा ध्यान पढाई में लगा दिया| इस बीच दोनों झलक को लहंगे पर से ध्यान हटाने को समझती रही ये सुन झलक बस खामोश रह गई उसे तो बस सही मौके का इंतजार था|

——————————-क्रमशः

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