Kahanikacarvan

6 thoughts on “किरदार

  1. 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 ये तो सही में अनिरुद्ध की बलि लेने जैसा था

  2. मैंने आपकी ये कहानी लिपि मे भी पढ़ी है लेकिन मुझे तब भी समझ नहीं आई थी तो क्या अनिरुद्ध सच मे मर गया

    1. हाँ वह उसकी मौत का वह दृश्य याद करती है जो मंचन हुआ था पर उसी के साथ ये भी तय हो जाता है कि वह सच मे मर गया तभी उसकी मंजू दीदी ठीक हुई..और तभी माँ ने कहा कि देवी बलि लेकर खुश हुई….

  3. अनिरुद्ध मर गया और मंजू ठीक हो गयी ये कैसा चमत्कार है

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