Kahanikacarvan

डेजा वू एक राज़ – 14

अनिकेत का मन कुछ आशंका से भयभीत हो उठा था| इससे पहले कि अनिकेत इन्स्पेक्टर के पास जाकर कुछ उससे पूछ पाता वह तुरंत उसकी ओर देखता अपना प्रश्न जड़ देता है –

“कौन हो ?”

अनिकेत इस सवाल पर थोड़ा अचकचा जाता है फिर संभलते हुए कहता है – “माय सेल्फ अनिकेत प्रोफ़ेसर ऑफ़ डीयू और ये मेरे दोस्त जॉन का फ़्लैट है पर वो है कहाँ ?”

अनिकेत के प्रथम व्यक्तित्व से प्रभावित होता वह इन्स्पेक्टर उसकी ओर हाथ मिलाने अपना हाथ बढ़ाता हुआ कहता है – “इन्स्पेक्टर शेखावत और यही सवाल मैं खुद आपसे पूछना चाहता हूँ |”

इसपर हैरान अनिकेत इन्स्पेक्टर की ओर देखता हुआ पूछता है – “मतलब क्या है आपका – ?”

अब कमरे में एक सरसरी दृष्टि डालता हुआ इन्स्पेक्टर कहता है – “आपका दोस्त लापता है और उसी के बारे में कुछ जानकारी लेने मैं इस फ़्लैट में आया था |”

“क्या….!!! ऐसे कैसे हो सकता है ? क्या ये फ़्लैट खुला हुआ था ?”

“नही – डुप्लीकेट चाभी बनवाई मैंने |”

“लेकिन आपको ऐसा क्यों लगा कि वह लापता है ?” परेशान स्वर में अनिकेत पूछता है|

“आपको विस्तार से बताता हूँ – आइए बैठिए |” अनिकेत को बैठने का इशारा करते वह खुद एक कुर्सी पर जम जाता है| उन्हें बैठता देख बाकी के सिपाही बाहर की ओर जाकर खड़े हो जाते है|

अनिकेत भी बात समझने को इतना व्यग्र था कि बिना जाने वह भी वहां से नही जाना चाहता था इसलिए वह भी इन्स्पेक्टर से ठीक सामने कुर्सी रखता हुआ बैठ जाता है| अभी वे बात करने ही वाले थे कि अनिकेत का मोबाईल बज उठा पर उसे उठाने के बजाये बिना देखे वह उसे साइलेंट में डालकर अपना सारा ध्यान इन्स्पेक्टर की ओर लगा देता है|

“मुझे गोवा पुलिस की ओर से इन्क्वारी करने के लिए मेसेज मिला था – असल में गोवा के एक होटल से एक शक्स अपने रूम में तीन दिन तक वापस न आने पर होटल कर्मी उसके कमरे को सेकण्ड लॉक से खोलकर देखते है तो पाते है कि उस व्यक्ति का सारा सामान वहां है बस उसी शक्स का कोई अता पता नही है फिर किसी अनहोनी की आशंका से होटल मेनेजर की ओर से उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की जाती है – जाँच करने पर उसने अपना स्थाई पता यही दिल्ली का दिया था जिससे गोवा पुलिस की ओर से सन्देश पाकर मैं यहाँ उसकी जाँच करने आया था और ये शक्स मिस्टर जॉन ही है जिनका पिछले छह दिन से कोई अता पता नही है|”

“क्या वो गोवा से लापता हो गया – ये कैसे हो सकता है ?

“क्या आपको जानकारी थी उनके गोवा जाने की ?” इंस्पेक्टर अनिकेत का चेहरा गौर से देखता हुआ पूछता है|

“हाँ तक़रीबन डेढ़ हफ्ते पहले उसका ईमेल मुझे मिला था जब मैं कैम्ब्रिज में था कि वह किसी जरुरी काम से गोवा जा रहा है |”

अनिकेत के चुप होते वह जल्दी से पूछता है – “ओह और कुछ !!”

“वैसे उसमे किसी लड़की का जिक्र भी था जिससे मिलने वह गोवा जा रहा था – तो..!” अनिकेत सोचता हुआ चुप हो जाता है|

लेकिन उसकी बात सुन इंस्पेक्टर की आँखों में चमक आ जाती है – “ओह ग्रेट – ये पहला क्लू है – हो सकता है वह लड़की मिस्टर जॉन के बारे में कुछ जानती हो तो पहले मुझे इस लड़की को खोजना पड़ेगा – ऐसा करे आप – यहाँ आप मिस्टर जॉन की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा कर अपनी रिपोर्ट में उस लड़की का नाम जरुर मेंशन करे ताकि हम अपनी जाँच की शुरुवात उस लड़की को खोजने से शुरू कर सके |”

“ठीक है – थैंक्स इंस्पेक्टर |” तुरंत उठते हुए अनिकेत उससे हाथ मिलाता है और दोनों साथ में बाहर निकल जाते है|

बाहर निकलते ही अनिकेत का मोबाईल फिर घनघना उठता है जिसे आखिरकार वह उठाकर कान से लगाते ही तुरंत बोल उठता है – “पलक मैं किसी काम में फंस गया हूँ तब तक तुम पापा जी के साथ फ़्लैट देख आओ और पसंद आने पर ओके भी कर देना – |”

“लेकिन…|”

पलक कुछ कहना चाहती थी पर अनिकेत जल्दी में अपनी बात कहता रहा – “समझो पलक – आकर मैं सब बताता हूँ – मैं लोकेशन भेज रहा हूँ फ़्लैट की वो होटल से ज्यादा दूर नही है – कैब बुक कर लेना – बाय |” अपनी बात कहते अनिकेत तुरंत फोन काटकर उस इंस्पेक्टर के पीछे तेज कदमो से चल देता है जो उसे फोन में उलझा देख अब आगे चल दिया था|

अनिकेत को अपनी ओर आता देख इंस्पेक्टर कुछ याद करते हुए उसे अनिकेत की ओर बढ़ाता हुआ कहता है – “हाँ ये डुप्लीकेट चाभी – अब आप रखिए और इसके अलावा कुछ और याद आए तो इन्फॉर्म करिएगा |”

“बिलकुल पर अभी मैं आपके साथ थाने चल रहा हूँ रिपोर्ट लिखवाने |”

अनिकेत की बात पर हामी में सर हिलाते हुए इंस्पेक्टर पुलिस गाडी में बैठ जाता है तो अनिकेत अपनी रोकी हुई कैब की ओर बढ़ जाता है| इस वक़्त उसके चेहरे पर छाई परेशानी कोई भी साफ़ तौर पर देख सकता था|

पलक इस चीज के लिए बिलकुल तैयार नही थी| वह यहाँ पर अपना पहला घर अनिकेत के साथ देखना चाहती थी पर पहली बार इस बेरुखी से उसका इंकार करना उसे अंतरस बहुत बुरा महसूस करा गया था जिससे उसका चेहरा ही उतर गया| माँ जो उसके बगल में खड़ी थी उसे उदास देखते ही उसे छूते हुए पूछती है –

“क्या हुआ पलक – क्या कहा अनिकेत ने ?”

“नही आ रहे -|” रुआंसे स्वर में कह उठी|

“क्यों ??”

“कह रहे है कि कोई जरुरी काम में फंस गए है – कहा कि आप लोगो के साथ जाकर फ़्लैट देख आऊ |”

पलक को परेशान देख माँ उसके सर पर हाथ फिराती हुई कहती है – “ओहो तो इस बात पर इतना परेशान होने जैसी क्या बात है – हो सकता है वाकई बहुत जरुरी बात हो – चलो लोकेशन मांग लो – हम चलते है साथ में |”

“भेज दी है |”

“ठीक है तो अपने पापा से बात कर लो – वे बाहर खड़े इंतजार कर रहे है – जब तक वे टैक्सी बुक कर लेंगे |” माँ की बात पर पलक बस चुपचाप सर हिलाकर हामी भरती मोबाईल का स्क्रीन देखने लगती है| ऐसा करते वह जबरन कई बार अपनी पलक झपकाती है मानो अपने आंसू को बाहर आने से रोक देना चाहती हो|

अनीकेत का सारा का सारा ध्यान बस जॉन पर ही लगा था उसे अभी तक यकीन ही नही आ रहा था कि जॉन कही खो गया है| सच में वह किसी बड़ी मुसीबत में फसा होगा, उस तक मुझे जल्द से जल्द पहुंचना है इसके लिए अब मुझे गोवा जाना होगा| सारे क्लू अब वही मिलेंगे| मन ही मन में सोचता हुआ अनिकेत पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट लिखवा कर बाहर निकलता हुआ किसी को कॉल लगाता है| दूसरी ओर से तुरंत ही फोन उठाकर कहा जाता है –

“हेलो अनिकेत – कैसे है आप – मैं बस आपको फोन मिलाने की सोच ही रहा था |”

“डॉक्टर अनमोल मुझे आपसे कुछ पर्सनली हेल्प चाहिए थी |”

“हाँ हाँ कहिए |”

“मुझे जोइनिंग से पहले दस दिन की छुट्टी चाहिए – |”

“कोई परेशानी है सर |”

“जी पर्सनल रीजन है और बहुत ही जरुरी है |”

“तो कोई बात नही मैं आपकी एप्लीकेशन इनिशेयट करवाता हूँ और कोई हेल्प सर !”

अनिकेत थैंक्स कहता कॉल डिस्कनेक्ट करता फ्लाइट बुक करने बुकिंग सेंटर की ओर चल देता है| अभी भी उसके मन में ढेरो प्रश्न थे कि आखिर ऐसा क्या जरुरी कारण रहा जिससे वह गोवा गया और ये मिस फेनी कौन है !! क्या कोई ट्रैप में फसा है जॉन या ये काम किसी पैरानोर्मल शक्ति का है क्योंकि अनिकेत जानता था कि जॉन पैनानोर्मल एक्टिविस्ट था और उसी से सम्बंधित जगह पर वह जाता रहता था| क्या यही वजह है उसके गुम होने की !! जो भी हो मुझे ही इस बारे में अपनी तरह से पता करना होगा क्योंकि सामान्यता कोई इस बारे में यकीन नही करेगा और मुझे किसी भी हाल में सच तक पहुंचना ही है !!

सोचते हुए अनिकेत बुकिंग ऑफिस में प्रवेश कर जाता है|

क्रमश…………

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