Kahanikacarvan

डेजा वू एक राज़ – 43

कुछ समय बाद अनिकेत जब कमरे में वापस आता है और बेहद ख़ामोशी से दोनों को बैठा देख समझ जाता है कि फेनी अपनी बात कह चुकी होगी इसलिए गले से हलकी आवाज करता वह अंदर आता है| आवाज की प्रतिक्रिया स्वरुप दोनों का ध्यान अनिकेत की ओर जाता है जो उनके पास ही एक अन्य चेअर खींचता हुआ बैठ रहा था|

“वेल आपस में बात कर चुके हो तो मैं कुछ कहूँ ?”

अनिकेत की बात पर जॉन उसे बुरी तरह घूरता है मानो आँखों आँखों में ही उससे ये सब अचानक से उसके सामने लाने पर अपनी नाराजगी दर्ज करा रहा हो|

फेनी अब शांत बैठी फर्श घूर रही थी|

लेकिन इससे पहले कि अनिकेत कुछ कहता जॉन तुरंत बोल उठा – “अभी मुझे सबसे पहले ये जानना है कि तुमने …. ढूढा कैसे ?” वह जानकर फेनी का नाम न लेकर बस इशारे में उसकी ओर संकेत करता है|

“फेनी ने खुद संपर्क किया था मुझसे |”

जॉन आगे भी कुछ पूछने वाला था पर उससे पहले ही फेनी कह उठी – “मैं बताती हूँ आगे का – |” एक गहरी शवांस भीतर खींचती हुई वह कहना जारी रखती है – “जब मैं तुम्हे कोई सच नही बता पायी तब बस मुझे यही समझ आया कि कम से कम तुमसे दूर जाकर मैं तुम्हारे लिए और मुसीबत बनाने से तो बेहतर है कि कम से कम उससे तुम्हे बचा तो सकूँ फिर इस वजह से मैंने अपना काम, नौकरी, घर, शहर सब छोड़ दिया और तब से लेकर अभी तक बस मैं यहाँ तहां अपने दोस्तों के यहाँ शरण पाती भटकती फिर रही हूँ – और ऐसे में एक दिन मुझे एक ईमेल मिला जो अनिकेत के नाम से था और जिसमे लैब टेक्निशियन का इंटरव्यू कॉल था – यही मेरा काम था और काफी समय से बिना काम के मैं परेशान भी हो रही थी तभी मुझे ये भी लगा कि ये वही अनिकेत तो नही जिनके बारे में तुमने मुझे बताया था तब इनके प्रोफाइल में मैंने यूके का टैग देखा – तब बस वापसी में मेल करते ये कंफर्म भी हो गया कि ये वही अनिकेत है जिनके बारे में तुमने मुझे बताया था और फिर मैं इनसे मिलने खुद चली आई |”

“असल में मैं नेट पर बेस्ट लैब रिसर्चर सर्च करते उन्हें अपने सीक्रेट प्रोजेक्ट के लिए ईमेल कर रहा था तभी मुझे फेनी नाम मिला – वैसे उस समय लगा था कि हो सकता यही वही फेनी हो पर सच में ऐसा होगा ये नही पता था – इसे महज संयोग मान लो |” बाकी बात अनिकेत पूरी करता हुआ कहता है|

अब अपनी अपनी तरफ से बात कर लेने के बाद कुछ पल तक कमरे में यूँही सन्नाटा पसरे रहा जैसे सारी बातें ही खत्म हो चुकी हो| फेनी दातो के बीच होंठ दबाए अन्यत्र देख रही थी तो जॉन फेनी को छोड़कर हर जगह देख रहा था| अनिकेत अब बारी बारी से उन दोनों का चेहरा देखते हुए अपनी बात से उनके बीच की ख़ामोशी को तोड़ते हुए कहता है – “तो मिस फेनी – मेरे ईमेल के बारे में क्या सोचा है – क्या ये काम कर सकोगी ?”

अनिकेत की बात पर अब वह अनिकेत की ओर देखती है पर उसे अच्छे से पता था अब जॉन उसी की ओर देख रहा था इससे वह बड़ी सहजता से कहती है – “मुझे कोई एतराज़ नही है बाकी आप सोच लीजिए कि मुझसे आपको ये काम करवाना है या नही !”

अनिकेत फेनी के कहने का मंतव्य अच्छे से समझ गया था इसलिए जॉन की घूरती आँखों को अनदेखा करता हुआ कहता है – “ठीक है फिर मुझे कोई एतराज़ नही – वैसे भी तुम्हारा नाम बेस्ट लिस्ट में था तो कब और कैसे काम करना है उसके बारे में बात कर लेते है |”

“आप जब चाहे – वैसे भी अभी मेरे पास कोई अपना काम ठिकाना नही है |”

जॉन उनकी बातो में अपनी अरुचि जाहिर करता दूसरी ओर देखने लगता है|

“कोई ठिकाना नही – मतलब कहाँ रहती हो इस समय ?”

“आपको बताया था न कि अपना घर छोड़ देने के बाद किसी भी फ्रेंड के यहाँ रुक जाती हूँ – ये मेरी मज़बूरी ही है |” वह अबकी जॉन की ओर एक सरसरी दृष्टि डालती हुई अपनी बात कहती है|

“अरे बस इतनी सी बात – तब तो मैं इसमें तुम्हारी हेल्प कर सकता हूँ – मेरा दिल्ली में एक फ्लैट खाली पड़ा है अभी एक दिन मैं वहां रुका भी था – तुम वहां आराम से रह सकती हो – अभी मेरा अपना कोई उसका एड्रेस नही जानता इसलिए तुम आराम से वही रुक सकती हो और मैं जॉन के साथ शिफ्ट हो जाता हूँ |”

“अरे नही आप मेरी वजह से ….!”

“कोई प्रॉब्लम नही है इनफैकट मेरा काम भी आसान हो जाएगा – तुम वहां अपना काम बिना किसी डिस्टर्बेंस के कर सकती हो – बस अब ज्यादा सोचने वाली बात नही – वहां तुम्हारी जरुरत का सब साधन है और रही लैब के सामान की वो सब मैं अरेंज कर दूंगा |”

“ओह थैंक्स…|” वह कृतज्ञता प्रगट करती है|

“थैंक्स क्या – वैसे देखा जाए तो अब ये हम सबका मिशन बना गया है – उस वजीर को खोजना ही हमारी एकमात्र दिशा है |”

“वजीर !!!” फेनी अनबूझता से देखती है|

“ओह हाँ मैंने उसे वजीर नाम दिया है – शतरंज में जैसे वजीर हर मोड़ पर अपनी चाल चल लेता है न वैसे ही ये हर जगह से हमे शिकस्त दे रहा है लेकिन उसे नही पता कि शतरंज की बाजी जब पलटती है तो एक प्यादा भी वजीर को घेर कर मार देता है |”

अबकी तीनो एक दिशा में देखते इस पर अपनी सहमति देते है|

“ओके – कैन आई यूज योर वाशरूम ?”

“या श्योर – दिस साइड |” अनिकेत तुरंत एक ओर इशारा करके अब जॉन की ओर देखता है जो तब से उसे घूर घूर कर तंग आता अब अपने लैपटॉप की ओर झुका था|

फेनी का वहां से जाते जॉन तुरंत धीमी आवाज में अनिकेत से कहता है – “ये क्या चल रहा है – तुम उस पर कुछ ज्यादा ही विश्वास नही कर रहे – अपना फ़्लैट भी रहने को दे दिया |”

“तो क्या वो उसमे कब्ज़ा कर लेगी !”

“अब तुम ज्यादा ही मजाक कर रहे हो – तुम अच्छे से जानते हो कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूँ – अभी तो हम ये भी निश्चित नही कि उसने जो कुछ भी कहा है वह सही ही होगा – फिर !!”

“पता नही पर मुझे उसपर यकीन हो गया है कि उसने सब सच कहा है और इस वक़्त ये मत भूलो – उसका नाम नेट में बेस्ट लैब टेक्निशियन के रूप में है और एक तरह से तुम्हारी वजह से ही वह अपना सब कुछ छोड़ छाडकर भटकती फिर रही है तब उस हालत में हमे ही उसकी मदद करनी चाहिए |”

“मुझे नही पता पर अगर कुछ भी झोल होता है तो तुम जानना |”

“हाँ ठीक है – वैसे भी तुम जानते ही हो कि इस समय हम किस पर विश्वास करे और किसपर नही बिलकुल नही कह सकते क्योंकि ये वजीर है बिलकुल हमारे आस पास का कोई पर कौन है अभी तक हम नही समझ पाए |”

“हाँ और हमारा सोचा हुआ भी तो कुछ नही हो रहा – अपने पिता की आत्मा को मैं अभी तक नही ढूढ़ पाया पर अगर सच में मेरी माँ जिन्दा है तो जब तक मैं उनसे नहीं मिल लेता मैं फेनी पर विश्वास नही कर सकता |”

“ठीक है – पर तुम गोवा नही जाओगे |”

“क्यों मैं क्यों नही ?”

“इससे हो सकता है कि तुम्हारी माँ पर कोई मुश्किल आ जाए इसलिए उनके पास हमे किसी ऐसे को भेजना होगा जिसका उनसे कोई सम्बन्ध न हो |”

“और वो होगा कौन ?”

अनिकेत सोचते हुए कहता है – “एक शख्स है जो मेरी बात मानेगा |”

“कौन ??”

“एक इन्स्पेक्टर जो गोवा में है|”

“पर वो तुम्हारी बात क्यों मानेगा ?” जॉन उलझा हुआ सा पूछता है|

“क्योंकि वो जो चाहता था वो मैं उसे देने वाला हूँ -|” अनिकेत की घुमावदार बात से जॉन अजीब निगाह से उसे देखता रहा जबकि अनिकेत अपनी बात कहता रहा – “उसने मुझसे अपनी बहन की आत्मा को रिलीज करने की बात कही थी और हो न हो जिस आत्मा का कोडिंग सन्देश तुम्हे मिला है वह वही उसकी बहन ही हो – तो हम बस उसे रिलीज करने के बदले तुम्हारी माँ को यहाँ सुरक्षित पहुँचाना मांगेंगे और मुझे पूरा यकीन है वह इसे हर हाल में करेगा क्योंकि इसके लिए वह मेरे साथ कई दंदफंद अपना चुका है|”

“कब कैसे ?”उत्सुकता के साथ वह पूछता है|

“जब मैं गोवा में तुम्हे खोजने में लगा था तब किसी भी तरह से वह मुझसे ये काम करवाना चाहता था इसके लिए तुम्हारा लैपटॉप तक उसने अपने कब्जे में लिया पर उसे ये नही पता था उससे पहले ही मैं उसकी डुप्लीकेट कोडिंग कर चुका था और इसलिए उसे इससे कुछ हासिल नही हुआ – मैं तो वहां से चुपचाप निकल आया पर उसकी इच्छा तो वही होगी न !”

अनिकेत की बात सुनते वह एक ठंडी आह छोड़ता हुआ कहता है – “मैं तो बस यही उम्मीद करता हूँ कि अपनी माँ के जिन्दा होने वाली बात सच्ची साबित हो – अब इस पल का मुझे बेसब्री से इंतजार रहेगा |”

“जरुर |” अनिकेत जॉन के कंधे पर हाथ रखते हुए सहमती प्रकट करता है|

“और हाँ तुम उसकी बहन की तस्वीर मंगवा लेना क्योंकि मैं नही चाहता कि गलती से भी कोई और आत्मा रिलीज हो |”

तभी एक आहट पर दोनों का ध्यान फेनी की ओर जाता है जो उन्ही की ओर आ रही थी|

उसे देखते हुए अनिकेत कहता है – “चलो मैं तुम्हे फ़्लैट तक छोड़ दूँ फिर जल्दी ही हम अपना काम शुरू करेंगे |”

उसी बीच जॉन जल्दी से कहता है – “अनिकेत मुझे भी कुछ काम से बाहर जाना है |”

“हाँ तो ठीक है जाओ – मैं फेनी को छोड़कर मिलता हूँ तुमसे |” सहजता से कहता हुआ अनिकेत बाहर निकलने लगा और उसके पीछे पीछे फेनी भी और उसे जाता हुआ देखता जॉन अन्दर ही अन्दर बौखला उठा था कि अनिकेत उसकी बात समझा क्यों नही !! क्यों नही उसने कहा कि फेनी के साथ मैं चला जाऊ !! पीछे रह जाने की चिढ़ के कारण जॉन दुबारा अपनी जगह बैठा हाथ मसलता रह गया|

क्रमशः……..

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