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डेजा वू एक राज़ – 44

अनिकेत फेनी को अपने फ्लैट में ले जाता हुआ कहता है – “अब तुम बेहिचक आराम से यहाँ रह सकती हो – फील एट होम |”

“थैंक्स –|”  

“थैंक्स की कोई बात नही – अभी तुम हमारी मदद कर रही हो तो मेरा इतना तो फर्ज बनता ही है और फिर जॉन की दोस्त के प्रति इतना तो करना ही चाहिए|”

इसपर बस वह हलके से मुस्करा कर अपनी प्रतिक्रिया देती है|

“खैर मेरा नंबर तो है ही तुम्हारे पास – किसी भी समय तुम्हे कोई जरुरत हो तो बस कॉल कर देना और बाकि का लैब से सम्बंधित सामान जो तुमने बताया है वो सब मैं आज ही अरेंज कर दूंगा|”

“ठीक है – आप बेफिक्र रहिए मैं आपको बेवज़ह परेशान नही करुँगी – वैसे भी पहले मैं जॉन को दुःख पहुंचा चुकी हूँ इसकी तो माफ़ी भी नही मांगी जा सकती|” नज़रे झुकाती हुई वह कहती है|

“लीव इट – अब इन सबके बारे में क्या सोचना – जॉन थोड़ा ज्यादा सेंसेटिव है –शायद समय के साथ सब समझ जाए|”

“वाकई जैसा जॉन ने बताया था आप वाकई काफी दोस्ताना है – आप उसके बहुत अच्छे दोस्त है|”

“हाँ तो तुम्हारा भी दुश्मन नही हूँ -|” ठसक भरी हंसी से वह प्रतिक्रिया देता है|

“वैसे मैं जान सकती हूँ कि आपकी फैमिली….?” वह अपनी बात अधूरी छोड़ती उसकी ओर प्रश्नात्मक मुद्रा में देखती है|

“मेरी फैमिली मेरी पत्नी है पलक और इस वक़्त वह अपने पेरेंट्स के पास है |”

“ओह तो अभी वह आपके साथ नही रहती |”

“हाँ इसलिए तो चाहता हूँ कि ये मामला सब सिमटे तो उसके साथ जिंदगी की फिर शुरुवात कर सकूँ पर ये मामला तो और भी पेचीदा होता जा रहा है|”

“कोई बात नही मुझसे जो हो सकेगा वो मैं आपकी हर संभव मदद करुँगी क्योंकि  मैं भी उससे भागते भागते तंग आ गई हूँ – पता नही कौन है और कहां से मुझे वाच कर रहा है|”

“डोंट वरी यहाँ तुम्हे कोई खतरा नही और कभी तुम्हे कुछ लगता भी है तो तुरंत मुझे कॉल करना -|” कहते हुए अनिकेत जाने को मुड़ा ही था कि कुछ याद आते वह उसकी ओर फिर मुड़ता हुआ कहता है – “ओह यस याद आया तुम मुझे वो मेसेज फॉरवर्ड करो ताकि मैं उसकी आईडी का पता लगा सकूँ|”

“पर कैसे !! वह अननोन नम्बर तो डिस्प्ले ही नही करता |”

“वो सब मुझपर छोड़ दो बस मेरे नम्बर पर वह मेसेज एज इज इट फॉरवर्ड कर दो|”

“ठीक है |” सहमी सी आवाज में वह कहती है|

“डोंट वरी हम तुम्हे कुछ नही होने देंगे |”

अनिकेत के इस हम को फेनी ने बड़े दिल से अपने में आत्मसात कर लिया|

अनिकेत वापस आ गया| जॉन उसकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा| वह उसकी ओर बड़ी उत्सुकता से देख रहा था कि शायद फेनी से सम्बंधित अब वह कुछ और कहेगा लेकिन अनिकेत आते उसे बता रहा था – “मैंने वो सारे अननोन वाले मेसेज रचित को फॉरवर्ड कर दिए है – उम्मीद है वह इससे कुछ पता कर पाएगा और उस इन्स्पेक्टर से भी बात कर ली और जैसा कि मेरा अंदाजा सही था वह मेरी डील पर पूरे मन से राज़ी भी हो गया अब कुछ ही दिन में क्या सच है सब सामने आ जाएगा – उसने अपनी बहन की फोटो भेजी है पर तब से डाउनलोड ही नही हो रही – खैर मैं अभी लैब से सम्बन्धित कुछ सामान लेने जा रहा हूँ फिर हो सकता है वहां से सीधे फ़्लैट चला जाऊं – ठीक है |”

एक सांस में कहता अनिकेत फिर वापस जाने लगा और जॉन अपनी उत्सुकता दबाए बस मनमसोजे उसे जाता हुआ देखता रहा| उस वक़्त उसके मन की क्या हालत थी ये सिर्फ उसे ही पता था| उस पहले अहसास के बाद उसने कितने समय बाद अपने पहले प्यार को सामने देखा भलेही ये जानकर उसका मन कुछ दरक गया कि फेनी का पहला प्यार कोई और है फिर भी फेनी के प्रति अपने अहसास को वह अपने मन में दबा न सका इसलिए वह उसके बारे में अनिकेत से सुनना चाहता था पर उसे समझ नही आ रहा था कि आखिर वह फेनी की बात किस छोर से शुरू करे ?

अनिकेत को जाता देख मायूस वह भी किचेन की ओर बढ़ गया था क्योंकि वह एक टाइम का खाना खुद ही बना लेता था बाकी बाहर से अरेंज कर लेता| यही सब मन में तय करता वह भारी कदमो से किचेन की ओर बढ़ रहा था|

अनिकेत बाहर निकल ही गया पर सहसा कुछ याद आते वह तुरंत वापस अन्दर आते हुए जॉन को पुकारता हुआ कहता है – “हाँ जॉन – सुनो |”

जॉन बेमन से उसकी ओर झांककर देखता है|

“तुम जरा खाने का कुछ देख लेना मुझे हो सकता है देर हो जाए तो बेचारी फेनी तक भी टिफिन पहुंचाना होगा – अभी फ़िलहाल फ़्लैट में किचन सेट नही है न |”

अनिकेत अपनी बात कहता बिना जॉन की हाँ सुने चला गया पर उसका असर उसके चेहरे पर बड़ी वाली स्माइल के रूप में था जिसे अनिकेत देख नही पाया| अब चौगुने उत्साह से वह किचेन में कुछ बनाने का विचार छोड़ता हुआ मोबाईल पर ही खाना ऑर्डर करने का मन बना चुका था ताकि बहुत जल्दी ही वह फेनी तक खाने की डिलवरी पहुंचा सके|

फ़्लैट में बहुत ही कम सामान था पर लेटने बैठने की व्यवस्था थी| फेनी वहां का हाल देखते समझ गई कि अभी फ़्लैट के इंटीरियर पर कुछ काम शेष था| पर उसके रुकने भर के लिए ये ठिकाना संतुष्टि भरा था| अभी वह फ्रेश होकर ठीक से  आराम भी नही कर पायी थी कि दरवाजे की कॉल बेल बज उठी उसे लगा शायद अनिकेत सामान लेकर वापस आ गया पर इतनी जल्दी ये उसे उम्मीद नही थी|

वह वाच होल से देखती पहले संतुष्ट होती दरवाजा खोलकर एक तरफ हो जाती है| उसने देख लिया था कि दरवाजे के पार जॉन है| जो अपने चेहरे पर भरसक कसे भाव के साथ उसके सामने आया था| फेनी भी कुछ नही कहती बस उसे  अन्दर आने देती है|

अंदर आते जॉन अपने हाथ में पकड़े पैकेट को उसे दिखाते हुए कहता है – “अनिकेत ने कहा था इसलिए लंच लाया हूँ|”

“थैंक्स |” फेनी भी उसके प्रति उतनी ही रुखी बनी रही|

जॉन उस पैकेट को सेंटर टेबल पर रखते हुए कुछ और कहने या रुकने का कोई मौका नही लगा तो कुछ और बात बढ़ाते हुए वह बिना उसकी ओर देखे कहता है – “मैं डिनर भी पहुंचा दूंगा |”

“कोई जरुरत नही है |”

अबकी फेनी के रूखे उत्तर पर जॉन और फेनी की नज़रे आपस में मिलती है और जॉन प्रश्नात्मक भाव से उसकी ओर देखने लगा|

“चार बज रहे है इस समय तो यही मेरा लंच और डिनर हो जाएगा – मुझे फ़िलहाल और कुछ नही चाहिए |”

जॉन देखता रहा कि फेनी तब से खड़ी खड़ी उसे उत्तर दे रही न उसे उसके रुकने और न आगे कोई बात करने का उसकी ओर से उसे कोई संकेत् मिल रहा है इस पर जॉन कुछ पल जैसे रूककर उनके बीच के एकांत को समझना चाहता था लेकिन फिर जाने को होता हुआ कहता है –

“ओके एज यू विश |”

उस पल दोनों एकदूसरे को देखते रहे पर न फेनी ने रुकने को कहा और न जॉन कोई रुकने की वजह ही खोज पाया इससे वह चुपचाप वहां से चला गया|

अनिकेत वाकई काफी रात में जॉन के पास वापस आया तो हाव भाव से काफी त्रस्त दिख रहा था| वह आते ही बताता है कि वह लैब से सम्बन्धित काफी सामान जो फ्रेनी के प्रयोग के लिए जरुरी था वह उस तक पहुँच चुका है| तभी बात करते करते वह याद करते हुए जॉन से पूछता है –

“अरे वो खाने के बारे में तो मैंने उससे पूछा ही नही – |”

“वो मैंने पहुंचा दिया था – हो गया उसका |”

“ओह थैट्स गुड – मेरे दिमाग से तो खाने वाली बात बिलकुल स्किप हो गई थी  तो किससे भिजवाया ?”

“व – वो मैं उधर किसी काम से गया था तो खुद ही देकर तुरंत वापस आ गया|” जॉन अपने आखिरी शब्द पर जोर देते हुए कहता है|

अनिकेत बात करते करते हाथ मुंह धोकर खाने की टेबल पर जॉन के साथ बैठ चुका था|

जॉन बिना अनिकेत की ओर देखे अपनी बात कहता उनके लिए खाना लगा रहा था पर अनिकेत का सारा ध्यान जॉन के हाव भाव में लगा था इसलिए वह जानकर बात को और कुरेदता हुआ कहता है – “ठीक किया – वैसे रोज रोज तो पहुँचाना मुश्किल होगा – तो सोचता हूँ उसके खाना बनाने का ही कुछ वही अरेंजमेंट कर दूँ क्या ? आखिर कौन जाएगा रोज रोज वहां |”

“नही इसकी कोई जरुरत नही है |” एकदम से जॉन कह उठा जिससे दो पल को ही सही पर उसके फेनी के प्रति हाव भाव स्पष्ट हो आए जिसे ध्यान से देखने अनिकेत उसका चेहरा और गौर से देखने लगा इससे वह जल्दी ही संभलते हुए अपनी बात को आवरण पहनाता हुआ कहता है – “वैसे मैं इसलिए ये कह रहा था कि वो लैब में काम करेगी या खाना बनाएगी – इससे हमारा काम ही लेट हो जाएगा |”

“अरे हाँ – तो क्या कर सकते है – मैं भी व्यस्त रहूँगा तो…|” अनिकेत जानकर अपने चेहरे पर गंभीरता ओढ़े अपनी हंसी को होठो के भीतर दबाए रहा|

“मैं किसी तरह से दो टाइम का जाने का समय निकल लूँगा -|”

जॉन की हालत देख बस लगा कि हंसी उसके होंठो के दरवाजे से बाहर निकल ही आएगी उससे पहले ही अनिकेत अपने होंठ पर उंगली रखे किसी तरह से अपनी हंसी रोक लेता है|

जॉन भी खोया खोया सा खाने की ओर झुक गया था|

क्रमशः…….

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