Kahanikacarvan

डेजा वू एक राज़ – 58

नज़रे पढ़ी जा चुकी थी, ये निशब्द मन के वे अहसास थे जिन्हें बिन शब्दों के ही पढ़ लिया जाता है| जॉन की नजर फेनी पर टिकी थी तो फेनी की नज़र कही और ही टहल रही थी पर अनिकेत की नजर के सामने दोनों ही थे| वह उनकी नजरो की बाधा तो नही बनना चाहता था पर ये अवरोधन समय की जरुरत थी|

वह गले को खंगालती आवाज से फेनी का बैग वही रखता हुआ सोफे पर पसर जाता है| उसकी आवाज से फेनी भी तुरंत उस कमरे में आती अपने बैठने का स्थान देखने लगती है जबकि जॉन पूरी तरह से हडबडाता हुआ दरवाजे की ओर बढ़ता हुआ कहने लगा जैसे फेनी का आना उसने देखा ही न हो|

“अनिकेत दरवाजा खुला छोड़ दिया – पता है आजकल बन्दर बहुत आने लगे है – कभी कभी फ़्लैट के अंदर भी घुस जाते है|” कहता हुआ वह दरवाजा बंद करता हुआ पलटकर यूँ देखता है जैसे फेनी के आने का उसे कोई ख़ास फर्क ही न पड़ा हो|

अनिकेत उसकी हडबडाहट समझता हुआ बिन मुस्कान के सपाट भाव से उसका ध्यान फेनी की ओर करता हुआ कहता है – “मिलो फेनी से – मुझे लगा वहां अकेली परेशान हो जाएगी तो यहाँ लिवा लाया -|”

दोनों अब जबरन एकदूसरे की ओर देखते एक औपचारिक मुस्कान एकदूसरे को देते है|

“हाँ ठीक है एडजस्ट हो जाएगा यहाँ |” कहता हुआ जॉन अनिकेत के बगल की सीट पर बैठ जाता है|

“मैंने कहा न अनिकेत जी – मेरा काम भी खत्म हो चुका है तो मैं अब अपना ठिकाना ढूढ़ लेती कहीं !” उनके बीच में बोलती है फेनी जिससे जॉन की एक अजीब नज़र उसकी ओर उठ जाती है|

“पर इस वक़्त तुम मेरी जिम्मेदारी हो – कम से कम तब तक जब तक मैं उस कलप्रिट को नही तलाश लेता जिसने तुम्हे भी इन सबमे शामिल किया – वह तुम्हे नुक्सान भी पहुंचा सकता है !”

अनिकेत की बात पर फेनी भी उसी सहज भाव से उत्तर देती है – “अभी तक तो नही किया तो अब भी नही करेगा – क्या पता उसका मकसद सिर्फ मेरे द्वारा जॉन को गोवा लाना भर ही हो !”

“मे बी – फिर भी कुछ कह नही सकते – वैसे भी बस आज रात की बात है फिर कल सुबह हम दोनों जा रहे है यहाँ से |”

“हम दोनों !!” अनिकेत की बात पर विरोध करता हुआ जॉन तुरंत बोल उठा पर उसके ऐसा रियक्ट करते वे दो जोड़ी निगाह अब उसी की ओर उठ गई थी|

“मतलब हम दोनों कल कहाँ जा रहे है कुछ बताया नही तुमने ?” किसी तरह से अपनी बात को सहज भाव का आवरण पहनाता हुआ जॉन कहता है|

“बस चलना साथ में और फिर यहाँ रूककर क्या करोगे ?”

अबकी बिना किसी की ओर देखे जॉन हामी भरते हुए बस सर हाँ में हिला देता है|

“तो चलो – मैं जो साथ में डिनर पैक करा कर लाया था खाते है और आराम करते है – वैसे भी आज का दिन बहुत हैट्रिक था |” अनिकेत जॉन की ओर देखता हुआ कहता रहा – “जॉन अंदर वाले कमरे में फेनी के रहने की व्यवस्था कर दो और जो तुम्हारा जरुरी सामान हो बाहर रख लो ताकि बार बार सामान मांगने की परेशानी न उठानी पड़े |”

इस बात पर एक गहरा उच्छ्वास छोड़ता हुआ जॉन चुपचाप उठता हुआ फेनी का बैग अन्दर कमरे में रखने चला जाता है| उसके जाते अनिकेत संकोच में बैठी फेनी की ओर देखता हुआ उसे पुकारता है जिससे वह असमंजस भरी नजर से उसे देखने लगती है|

“फेनी तुम बेहिचक यहाँ रहो सोचो अपने भाई के पास रह रही हो…|” तभी अनिकेत की बात अधूरी रह गई| कमरे में एक छनाक की आवाज ने उन दोनो  का ध्यान पीछे कमरे की देहरी की ओर ला पटका जहाँ अचानक से जॉन के हाथ का सामान फर्श पर गिर गया था|

दोनों अजीब निगाह से जॉन को देखने लगे जिससे वह जल्दी से झुकता हुआ सामान उठाने लगता है|

इससे अनिकेत फिर सोफे से पुश्त जोड़े आगे की अपनी बात कहने लगता है – “मैं समझ सकता हूँ तुम्हारे लिए यहाँ कम्फर्टेबल होना थोड़ा मुश्किल है पर इस वक़्त इसे मज़बूरी समझो क्योंकि तुम्हारी सुरक्षा मेरे लिए बहुत अहम् है इसलिए तो कहा कि मुझे आज से तुम अपना बड़ा भाई समझो और बेहिचक यहाँ रहो – मैं कोशिश करूँगा तुम्हे यहाँ किसी भी तरह से अनकम्फर्टेबल न लगे -|”

इस पर फेनी भी सहज होती मुस्करा देती है|

उन दोनों की बातचीत से उन्हें क्या खबर थी कि जॉन की कैसे जान जाते जाते बस वापस आई थी| वह बस अनिकेत को घूरता हुआ अपना सामान किनारे कोर्नर पर ज़माने लगता है|

साथ में खाना खाने के बाद जब तक जॉन सब समेटता है फेनी अपने बैग से नोट पैड लाती हुई अनिकेत की ओर उसे बढाती हुई टहलते टहलते अपनी बात कहने लगती है – “मैंने आपके द्वारा लायी सारी दवाइयों के कैमिकल कंटेंट देखे – वैसे देखने पर ये सारी दवाइयां आम सिरदर्द की दवा लग सकती है पर ख़ास बात है इनके बेस कंटेंट में जिसमे कैनोबिनॉइडस कैमिकल अलग अलग मात्रा में मौजूद है – जिसके कारण इन दवाइयों का इफेक्ट सीधे दिमाग के कॉगनेटिव हिस्से पर पड़ता है और यही कारण है इसके सेवन के बाद व्यक्ति के व्यव्हार में अचानक फर्क आ जाता है जिसमे सबसे ज्यादा खतरनाक है व्यक्ति की मेमोरी लॉस्ट होना लेकिन इसकी एक डोज से ये संभव नही है बल्कि एक बार देने भर से तो वह कुछ समय की याददाश्त ही भूलता है पर यही दवाई अगर लगातार दी जाए तो व्यक्ति एक लम्बी याददाश्त को भूल सकता है |”

“लम्बी याददाश्त …!!” फेनी की बात ध्यान से सुनते सुनते अनिकेत एकाएक उसकी बात दोहराता है|

अब जॉन भी वही आ कर उनकी वार्ता में शामिल हो गया था|

फेनी कह रही थी – “हाँ लम्बी याददाश्त और मुझे लगता है जॉन को भी यही दवाई दी गई थी बल्कि आपने जिस जिस गायब होने वाले लोग बताए और जो वापस आ गए उन्हें भी यही दवाई दी गई वो भी सबसे कॉमन तरीके से – सबक्युटेनियस इंजेक्शन द्वारा जिसे बांह के ऊपरी हिस्से की त्वचा के ठीक नीचे इंजेक्ट किया जाता है और अगर ये कोई एक दो दिन पहले की बात होती तो  इस ड्रग की मौजूदगी को मैं बालो की जाँच करने से भी पता लगा सकती थी क्योंकि ये बालो में 90 घन्टे तक रहता है आखिर है तो एक तरह का ड्रग ही |” कहते कहते फेनी को पता भी नही चला और वह जॉन के पास आते उसके बालो पर अपना हाथ फिराती हुई कहती है|

उस एकपल के स्पर्श से दोनों चिहुक पड़ते है| जॉन फेनी को ओर देखता रह जाता है जिससे उसे अपनी बेखुदी का अहसास होते वह तुरंत उससे दूर होती अपनी नज़रे इधर उधर कर लेती है|

“हाँ बात तो पुरानी हो गई है|” अनिकेत अपने ख्याल में डूबा सोचता हुआ कहता है|

फेनी अब बैठते संभलती हुई अपनी बात कहना जारी रखती है – “इसमें पाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कैमिकल कंटेंट है टीएचसी जो सीधे न्यूरॉनमें अपना प्रभाव डालता है और ये तब और ज्यादा इफेक्टिव हो जाता है जब ह्यूमन की बॉडी खुद अपने अन्दर एनंडेमाइड बनाती है जिससे हमे प्लेजर महसूस होता है – इसे सरल शब्दों में कहा जाए तो जब बहुत सारी एक्सरसाईज करने के बाद जो प्लेजर ह्यूमन बॉडी में बनता है जिसे एनंडेमाइड कहते है वही ये दवाई ह्यूमन बॉडी में पहुंचकर करती है और इसका इफेक्ट तब ज्यादा होता है जब व्यक्ति पहले से इस सिचुएशन में होता है और उसके बाद तेजी से उसका ब्रेन फंकशन प्रभावित होने लगता है और सामान्तया अपनी सूझ बूझ और दैनिक क्रियाए भी वह भूलने लगता है|”

“जैसा की जॉन के केस में हुआ |” अनिकेत अपनी त्वरित प्रतिक्रिया देता हुआ कहता है – “बाकी के लोगो के केस से ज्यादा जॉन पर इसका इफेक्ट हुआ क्योंकि उस समय इसके न्यूरॉन में खुद एनंडेमाइड सल्यूशन बन रहा था |”

अनिकेत की बात पर संकोच से हाँ में सर हिलाती हुई फेनी कहती है – “हाँ कुछ ऐसा ही हुआ |”

इससे उत्तेजित होता अनिकेत खड़ा होता हुआ अपनी बात कहने लगता है – “तो समझो हुआ कुछ ऐसा कि जॉन गोवा जाता है और उसे ऐसी सिच्युशन में डाला जाता है जब ये तुम्हारे साथ खुश था और ठीक उसी समय पहले शराब के साथ फिर जब ये हॉस्पिटल जाता है तब इसे इंजेक्शन से ये दवाई दी जाती है और यही कारण है कि जॉन पर इसका ज्यादा असर दिखा और वह अपनी सारी मेमोरी लॉस्ट कर देता है |”

“हाँ हुआ तो बिलकुल यही – मुझे धोखे से ये दवाई दी गई |” अबकी अपनी बात करता हुआ जॉन तिरछी नज़र से फेनी को घूरता है|

“मैं बता चुकी हूँ कि मुझे इसके बारे में कुछ नही बताया गया – मुझे क्या पता जो शराब मेरे द्वारा दी गई उसमे पहले से ही ये मिला था और ये महज संयोग भी हो सकता है क्योंकि गोवा जैसी जगह पर इस तरह का ड्रग का प्रयोग आम बात है|” जॉन की तल्खी पर फेनी भी अपनी बात कहती अपना विरोध दर्ज कराती है|

इसपर दोनों अब ख़ामोशी से एकदूसरे को घूरने लगते है| अनिकेत अब दोनों की नजरो की ओर देखता हुआ कहता है – “थैंक्स फेनी – तुमने काफी कुछ बता दिया –  इससे अब ये बात भी क्लियर हो गई कि इस दवाई के उपयोग उन सभी लोगो पर ठीक उलटा भी करता है जब वे डिप्रेस मोड में होते है – बड़ा कमाल का व्यक्ति है एक ही दवाई का वह अलग अलग तरह के लोगो पर उपयोग कर रहा है और वो भी सामान्य रूप से जिससे उस पर किसी को शक भी न हो – |”

“हाँ बिलकुल – अगर इसके बेस कंटेंट की जाँच न की जाए तो इसे ऊपरी तौर पर कोई भी सामान्य सर दर्द की दवा ही समझेगा |” फेनी अनिकेत की अधूरी बात पूरी करती है|

कुछ पल सोचते हुए अनिकेत एक गहरा श्वास खींचते हुए कहता है – “चलो कम से कम इससे वह क्या कर रहा है ये तो मालूम पड़ गया अब बस ये पता करना है कि क्यों कर रहा है ? जल्दी ही मैं वो भी मालूम कर लूँगा – खैर अब बहुत रात हो गई है तो फेनी तुम भी आराम करो जाकर|”

अनिकेत की बात सुनते वे सभी सोने का उपक्रम करने लगते है| फेनी अन्दर के कमरे में चली जाती है तो वही बाहर के कमरे में अनिकेत और जॉन अपने सोने की व्यवस्था करने लगते है|

जॉन को सिस्टम के आगे बैठा देख अनिकेत उससे कहता है – “जॉन मुझे वो इन्स्पेक्टर की बहन की तस्वीर दिखाओ जो उस समय डाउनलोड नही हो रही थी|”

“हाँ मैंने खुद उसे दुबारा नही देखा – अभी ढूंढता हूँ |” कहता हुआ जॉन अपने मोबाईल को स्क्रोल करने लगता है|

वह देखता है कि तस्वीर अभी भी डाउनलोड नही हुई थी इससे वह तुरंत फिर उसे डाउनलोड करता है|

दो पल तक घूमते डाउनलोड के चक्र को वे दोनों अपलक देखते रहे| तबहीं एकाएक वह तस्वीर डाउनलोड होती उनकी नजरो के सामने हो जाती है और साथ ही उनकी आंखे भी हैरानगी से फ़ैली रह जाती है|

“ये ये तो तुम्हारी माँ है – मैरी…|”

अनिकेत की बात पर जॉन हैरानगी से बुदबुदा कर रह जाता है – “क्या कह रहे हो अनिकेत ?”

“हाँ मैं कैसे भूल सकता हूँ तुम्हारी माँ का चेहरा – मैंने उन्हें सामने से देखा है – पर वे ये कैसे हो सकती है – अगर आज वे जिन्दा भी होती तो उनकी उम्र तो चालीस पैतालीस के पार ही होती !!”

“मेरी माँ – इन्स्पेक्टर की बहन कैसे – वो भी इस समय में – उफ्फ ये सब क्या झमेला है !!” अचानक से अपने दोनों हाथ से अपना सर थामे जॉन व्याकुलता से बिफर उठता है|

जॉन को परेशान देख अनिकेत उसके कंधे पर हाथ रखते हुए उसे सँभालते हुए कहता है – “चिंता मत करो – चाहे अब ये उलझन कितनी ही उलझ जाए – मैं इसे सुलझा कर रहूँगा – |”

जॉन उलझन में सर हिलाता है|

अनिकेत कहता है – “लगता है अब ओर्फ्नेज जाने से पहले गोवा जाना पड़ेगा – तभी कुछ पता चलेगा|”

अनिकेत सोचता हुआ कहता है पर जॉन जो असमंजस में पड़ा सिस्टम को देख रहा था अचानक से कहने लगा – “मुझे लगता है अनिकेत – ये सिर्फ मेरी माँ का चेहरा है – वे अभी कैसे जिन्दा हो सकती है – तुमने आखिर वही सब देखा था न जो मैं तुमको बता चुका था!”

जॉन की बात पर अनिकेत हिचकिचा उठता है आखिर उसने ये नही बताया था कि उसकी माँ की मृत्यु असल में कैसे हुई थी, वह अभी जॉन को और दुखी भी नही करना चाहता था इसलिए बस चुनिदा शब्दों के साथ कहने लगता है – “हाँ मैंने उन्हें उनके  आखिरी क्षणों तक देखा था पर क्या हुआ होगा उसके बाद ये तो मुझे नही पता |”

“मुझे लगता है अब वक़्त आ गया है कि मैं अपनी माँ की आत्मा से संपर्क करूँ – बाकी का सच वे ही बताएंगी – चाहे इसके कसूरवार मेरे पिता ही क्यों न निकले|”

इस पर अनिकेत मौन स्वीकृति देता है|

क्रमशः……

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