
डेजा वू एक राज़ – 80
वे दोनों साथ में उस कमरे से बाहर निकलकर साथ वाले कमरे में फिर पहुँचते है| अबकी अनिकेत को उस मिराज का अंदाजा था इससे वह तुरंत उस कमरे में अन्दर तक प्रवेश कर जाता है जबकि जॉन एक बार को आगे बढ़ने से हिचकिचा गया क्योंकि कमरे के मिराज से वह उलझ गया और अपने कदम वही रोक लिए| अनिकेत उस मिराज की बाधा को समझ चुका था जिससे वह अंदर तक चला गया और उसे इस तरह जाते देख जॉन भी अब उसके पीछे दौड़ जाता है|
लेकिन अब दूसरा अचम्भा उनके सामने आने वाला था| वे दोनों हैरानगी से सामने देखते है तो बस कुछ पल को बुत ही बने रह जाते है| वह बहुत बड़ी कोई लैब थी जिसमे ढेर सारे कॉफिन रखे थे| दोनों अब एकदूसरे को देखते हुए आगे बढ़कर उन कॉफिन में झांकते है| कुछ कॉफिन के ऊपर से कवर हटा था तो कुछ कोने में बंद पड़े थे|
“ये !! ये सब क्या है – ?” जॉन अचकचाता हुआ आगे बढ़ता बढ़ता हर एक कॉफिन में झांकता जा रहा था|
अनिकेत उसके आगे आगे था इससे वह उन सारे कॉफिन को उससे पहले देख ले रहा था| वह उन सब कवर हटी खाली कॉफिन को देखता हुआ आगे की ओर बढ़ जाता है जहाँ बंद पड़ी कॉफिन भी पड़ी थी वह उनमे से एक को झुककर खोलकर देखता ही है कि तुरंत उसे बंद करता खड़ा हो जाता है|
“क्या हुआ – क्या उसमे कुछ है ?”
जॉन अनिकेत की ओर आता हुआ पूछता है तो अनिकेत जल्दी से जॉन को अपने साथ पीछे लेता हुआ कहता है –
“नही उसमे भी कुछ नही है |” उस पल अनिकेत जैसे खुद में सांस खींचता हुआ कोई बात जॉन से छिपा ले जाता है|
“फिर इन सब कॉफिन का मतलब क्या है – क्या हो रहा था यहाँ लैब में ? हम सब कैसे पता लगाएँगे अनिकेत ?”
“पता लगाना तो होगा ही – अब इस चैलेन्ज को मुझे पूरा करना ही है – |”
“फिर !!” जॉन प्रश्नात्मक भाव से उसकी ओर देखने लगा था|
“चलो -|”
“पर कहाँ ?”
“अब इसके पीछे का पता करने कुछ मेहनत तो करनी ही पड़ेगी |”
“पर अनिकेत कुछ क्लू तो होना चाहिए हमारे पास !!”
“हाँ है न – ये मिराज ही हमारा सबसे पहला क्लू है – दरअसल सब कुछ हमारी आँखों के सामने ही है बस एक मिराज ने हमे उस एक राज़ से दूर कर रखा है और इस मिराज को तोड़ना मैं समझ गया हूँ इसलिए बस बिना समय गंवाए चलो मेरे साथ |”
कहता हुआ अनिकेत आगे बढ़ने लगा तो जॉन उसके पीछे पीछे चलता हुआ फिर पूछता है –
“पर हम जा कहाँ रहे है ? ये तो बताओ |”
“उस इन्स्पेक्टर के घर – वही से हमारी इन्वेस्टिगेशन की शुरुवात होगी |”
कहता हुआ अनिकेत उस कमरे से होता फिर मयंक वाले कमरे में पहुँचता है और कुछ क्षण रुककर उसकी ओर देखता हुआ जॉन से कहता है – “इसे ऐसे ही छोड़ देते है – कहीं नही जाएगा ये – |”
जॉन भी उसपर एक हिकारत भरी नज़र फेंकता हुआ अनिकेत के साथ उसी रास्ते से बाहर निकल जाता है जहाँ से वे दोनों अंदर आए थे|
अगले ही पल वे उस इंस्पेक्टर के घर में मौजूद थे और वह आश्चर्य से उन दोनों को देखता हुआ कुछ पूछने ही वाला था उससे पहले ही अनिकेत कहता है – “मुझे पता है तुम्हारे पास बहुत सारे सवाल है पर इस वक़्त मैं बस यही कहूँगा कि मुझे बस कुछ वक़्त दो और अपना सहयोग तो मैं बहुत जल्दी तुम्हारी बहन का सच और अपने आस पास का सच सामने ले आऊंगा |”
इस पर कुछ क्षण रूककर सोचते हुए वह कहता है – “ठीक है – एक बार फिर मैं आप पर विश्वास करता हूँ पर इस बार प्लीज़ मुझे निराश मत करिएगा |”
इसपर अनिकेत उसके हाथ पर अपने भरोसे का हाथ रखता हुआ कहता है – “विश्वास करो मुझपर – कोशिश तो पहले भी की थी पर तक मैं खुद ब्लैंक था लेकिन इस बार क्या करने जा रहा हूँ मुझे अच्छे से पता है |”
“तो ठीक है – बताईए – मैं आपकी क्या सहायता कर सकता हूँ ?”
“सबसे पहले क्या मैं तुम्हारी बहन की कुछ तस्वीरे देख सकता हूँ ?”
अनिकेत के कहते वह इन्स्पेक्टर तुरंत उठकर एक ड्रावर से कोई एल्बम निकालकर तुरंत ही उसके सामने लाता हुआ कहता है – “ये कुछ तस्वीरे है उसकी और मेरी भी – लीजिए |”
अनिकेत उस एल्बम को लेता हुआ झट से उसे खोलता एक एक करके देखने लगता है फिर उसे देखते हुए पूछता है –
“क्या तुम दोनों की बचपन की भी कोई तस्वीर है ?”
“बचपन की तस्वीर !! उससे क्या करेंगे आप ? अच्छा लाता हूँ |”
वह फिर उसी ड्रावर से कुछ खुली तस्वीरे लाकर उसकी निगाहों के सामने रख देता है|
जॉन भी सारी तस्वीरे देख रहा था और उतने ही आश्चर्य में डूबता जा रहा था|
“ये अगर तुम्हारी बहन की तस्वीर है तो मोबाईल में भेजी तस्वीर तो दूसरी थी !” जॉन अचरच से अनिकेत की ओर देखता है जो बेदह शांत भाव से सब देख सुन रहा था जैसे वह पहले ही इस सच के लिए खुद को तैयार कर चुका था|
“हाँ यही सच तो मैं सुनिश्चित करना चाहता था – उसके लिए तुम्हारा मोबाईल हैक करना कोई बहुत बड़ी बात नही थी और इसीलिए उसने हमे भटकाने के लिए तुम्हारी माँ की तस्वीर हमे भेजी थी |”
“ये क्या कह रहे है आप लोग ?” इन्स्पेक्टर अलग ही आश्चर्य में डूबा जा रहा था|
अनिकेत उसकी लाई हर तस्वीर सामने की सेंटर टेबल पर फैलाते हुए कहता है – “क्या तुम्हे तुम्हारे अतीत के बारे में पता है ?”
“अतीत !! किस अतीत की बात कर रहे है आप ?”
अनिकेत इन्स्पेक्टर की ओर ध्यान से देखता हुआ कहता है – “मतलब अपने बचपन के बारे में कि तुम भाई बहन किसी अनाथथालय से आए थे |”
“हाँ ये कोई छिपा हुआ सच नही है – हम दोनों भाई बहन बचपन से अनाथ थे और अपनी याद से मैं यही रहा फिर छोटे मोटे काम करके मैंने अपनी बहन के साथ अपने जीवन का संघर्ष जिया और ये कोई बात छिपी नही है – बस आपने कभी पूछा नही इस बारे में |”
“क्या तुम्हे ये पता है कि तुम किस अनाथथालय से आए ?” अनिकेत गौर से देखता हुआ उससे पूछता है|
“नही !” वह हिचकिचाते हुए न में सर हिलाता है|
अनिकेत एक गहरी सांस छोड़ता हुआ जॉन की ओर देखता हुआ कहता है – “असल में जो बच्चे आज से बीस साल पहले गायब हुए थे – वे ऐसे ही कही न कही छोड़ दिए गए और जहाँ तक मुझे उम्मीद है वे सभी जिन्दा है और इसी तरह हमारे आस पास ही मौजूद है – जिनमे से एक ये और इसकी बहन भी थे |”
अनिकेत की बात जहाँ जॉनसमझ पा रहा था तो वही इन्स्पेक्टर उलझ सा गया था| जिससे अनिकेत अब उसकी ओर देखता हुआ आगे कहने लगता है – “मैं तुम्हे इसके पीछे का सच बताता हूँ – असल में बीस साल पहले कोई अपनी निजी रिसर्च के लिए कुछ बच्चो को एज अ सब्जेक्ट यूज करता है – और वे बच्चे एक अनाथथालय के ही होते है ताकि कोई उनपर शक न कर सके |”
“किस तरह की रिसर्च ?”
“जितना मुझे अभी तक पता चल पाया है उससे वह उन बच्चो को सेल रीप्रोग्रामिंग के लिए यूज करना चाहता था इससे वे बच्चे जैसे जैसे अपने स्वतः माहौल में बड़े होंगे उनके अंदर एक खास तरह का स्टेम सेल भी ज़िंदा रहेगा जिसे किसी मरते हुए व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जा सकेगा या उस बच्चे के शरीर को ही उस रीप्रोग्रामिंग के लिए यूज कर लिया जाएगा और हो न हो तुम्हारी बहन के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है |”
“ये सब क्या कह रहे है ?”
“हाँ सुनने में बड़ा अजीब लग रहा होगा पर अभी तक का यही सच है – तुम किसी साइंटिस्ट का पागलपन ही समझो इसे |”
अनिकेत की बात पर वे दो जोड़ी आंखे उसे ही अचरच से देखने लगी थी|
“अब मुझे इस बारे में तुम्हारी यही हेल्प चाहिए कि मैं सारी बात सबूत के साथ रख सकूँ |”
“बताए – मैं क्या कर सकता हूँ ?”
“तुमने उसी हॉस्पिटल जहाँ जॉन मिला था वहां मुझे जाँच करने में साथ देना होगा |”
“ठीक है – चाहिए मैं चलूँगा आपके साथ |”
इन्स्पेक्टर को बीच में टोकता हुआ अनिकेत कहता है – “इस तरह से नहीं – मुझे अनओफिसली जांच करनी है तो अगर कुछ समय के लिए तुम हॉस्पिटल से सभी लोगो को हटा सको तो मैं खुलकर जाँच कर सकूँगा |”
“अनओफिसली ही क्यों ?”
“क्योंकि अभी इस बारे में कुछ पुख्ता तौर पर मैं कुछ नही कह सकता – जब तक कोई पक्का सबूत नही मिल जाता मुझे जिसके लिए मुझे जिस जिस जगह या लोगो पर शक है मैं उन सब तक पहुंचना चाहता हूँ – और ये सब बिना तुम्हारी सहायता के संभव ही नहीं |”
अनिकेत की बात पर कुछ पल सोचते हुए वह इन्स्पेक्टर कहता है – “ठीक है – सोचता हूँ किस तरह से इसे करना है |”
“उसकी चिंता मत करो – मेरे पास एक आइडिया है – उससे मेरा काम हो जाएगा |”
अनिकेत के विश्वास पर वह हामी भरता हुआ अब उसका आइडिया सुन रहा था| अनिकेत की पूरी बात सुनने के बाद उससे हाथ मिलाते हुए कहता है – “पक्का – बिलकुल ऐसे ही होगा – आप बेफिक्र रहिए – मेरे फोन करते आप वहां पहुँच जाइएगा |”
वे तीनो समवेत भाव से एकदूसरे को भरोसे से देखते हुए उठ जाते है जहाँ इन्स्पेक्टर अपनी वर्दी पहनकर खुद को जाने के लिए तैयार कर रहा था वही अनिकेत और जॉन साथ में बाहर निकल जाते है|
बाहर निकलते अनिकेत जॉन के साथ चलते चलते कह रहा था – “मैंने तुमको बताया था न कि समयांतर में ओर्फ्नेज में मैं एक बच्चे से मिला था जिसकी शक्ल मुझे जानी पहचानी लगी थी तो ये वही इन्स्पेक्टर था |”
“क्या !!”
क्रमशः…………………………….