Kahanikacarvan

डेजा वू एक राज़ – 9

ये जॉन की जिंदगी का अलग और बेहद अद्भुत अनुभव था जब किसी अनजान लड़की संग वह इतना करीब आ गया कि उससे अलग होना उसे बेदर्द लम्हे ही तरह महसूस हुआ| अब वे एकदूसरे की कमर पर कसी बाँहों से एकदूसरे में डूबे अभी तक झूम रहे थे कि किसी का होश नही था तभी उन्हें अन्यत्र किसी का ऐसा धक्का लगा कि एकदूसरे से अलग होते लडखडा गए| पास खड़े अन्यत्र जोड़े से उन्हें अकस्मात् धक्का लगा जिससे जॉन खुद को संभाल ले गया पर फेनी वो तो बस फर्श पर पीठ के बल गिरने ही वाली थी पर उससे पहले ही जॉन ने गजब की फुर्ती से उसकी बांह थामकर उसे गिरने से बचा लिया| फेनी के चेहरे पर भी घबराहट के हाव भाव उभर आए और इतना सब हो जाने पर भी धक्का देने वाले हिप्पी लड़के पर लेशमात्र का फर्क नही पड़ा| वह दोनों विदेशी जोड़े अभी तक डांस करने में मग्न थे जिससे जॉन का जबड़ा गुस्से में कस गया और वह फेनी को एक ओर करके बस उसपर अपना मुक्का तानने ही वाला था लेकिन फेनी उसे सर हिलाकर ऐसा करने से मना  कर देती है| मजबूर हालात में जॉन को रुकना पड़ता है| वह फेनी का हाथ पकड़े उस जोड़े से कुछ दूर सरक आता है पर जॉन अपनी घूरती ऑंखें अभी भी उस हिप्पी पर जमाए था| तभी कुछ ऐसा हुआ कि वहां अजब सी भगदड़ मच गई| वह हिप्पी अपनी मस्ती में अबकी किसी नीग्रो से टकरा गया जिसने अपनी मजबूत पकड़ में उसकी गर्दन पकड़ते उसे हवा में ही उठाकर पीछे की ओर धकेल दिया| वह जिससे टकराया वह भी कम नहीं था उसने अपने बगल वाले को उसकी ओर उझेल दिया तो उसने किसी और को धक्का दे दिया| अगले ही पल वहां का माहौल डांसिंग की जगह फ़ुटबाल मैच जैसा हो गया| हर कोई अगले को धक्का दे रहा था| कुछ देर मे ही ये फेका फेकी मारपीट का रूप लेकर खतरनाक रूप ले ली| ये देखते फेनी जॉन का हाथ कसकर पकड़े बाहर की ओर भागती है| जॉन उस अजब वातावरण को देख अवाक् था वही फेनी इस माहौल को समझती त्वरित प्रतिक्रिया करती वहां से निकलने में ही भलाई समझती है| वे दोनों आधी रात रेत पर भागते हुए समुद्र के एक सुनसान किनारे तक आते रेत पर बिस्तर की तरह पीठ के बल गिरते हँसते हँसते लोटपोट हुए जा रहे थे| उनकी हँसी रुक ही नही रही थी| उनके हाथ अभी भी एक दूसरे से वैसे ही बिंधे हुए थे| तभी सहसा जॉन फेनी का हाथ पकड़े उसकी ओर करवट लेते रोल होता हुआ पूरा फेनी के ऊपर आ जाता है| फेनी हैरान उसके चेहरे को देखती है जहाँ के हाव भाव अब बदल चुके थे| जॉन बेहद दिलनशी से उसकी गहरी आँखों में झाँकता हुआ कह रहा था –

“आई लव यू फेनी |”

इस पर फेनी के होंठो के किनारे फैलते हुए कह उठे –

“इतनी जल्दी !”

जॉन अभी भी उसकी ओर झुका उसकी आँखों में देखता हुआ कह रहा था – “किसी को जानने में हर बार सदिया नही एक पल भी काफी होता है|”

“क्या सच में तुम मुझे इतना जान गए !”

“जितना जाना है उतना ही मेरे लिए काफी है |” कहते हुए वह फेनी के होंठो की ओर फिर से झुक जाता है पर एन वक़्त वह उसकी बांहों के घेरे के बीच से उठकर बैठ जाती है और जॉन का चेहरा रेत पर जा भिड़ता है जिससे फेनी एकबार फिर कस कर खिलखिला उठती है इस पर जॉन मुस्कराते हुए अपना चेहरा झाड़ता हुआ उसके बगल में बैठ जाता है| फेनी समुद्र की ओर चेहरा किए अब बेहद उदासी से कह रही थी –

“आज मुझे जानते हो क्योंकि मैं दिख रही हूँ कल नज़रो के सामने नही रहूंगी तो भूल जाओगे मुझको |”

“कभी नही |” कहते हुए जॉन फेनी की हथेली अपने हाथो के बीच रखता हुआ कहता है|

“क्या सच में !!” वह आश्चर्य से उसकी ओर मुड़ती हुई देखती रही|

“हाँ सच में – अगर ऐसा नही होता तो एक बार में ही तुम्हारे कहने पर गोवा नही आता – कुछ था तुममे शुरुवात से जिसके आकर्षण से मैं अपने आप को बचा नही पाया और अब मैं तुम्हें सारी दुनिया की आँखों से बचा लूँगा |” कहते हुए वह उसकी हथेली चूम लेता है|

समंदर की सनसनाती रात की भीगी भीगी खुशबू उन्हें अपने पाश में घेरे थी| वे एकदूसरे का हाथ थामे अब समंदर की ओर देखने लगे जहाँ की उमड़ती बेक़रार लहरें उनके मन को बयाँ कर रही थी| अब वे अपना परिचय एकदूसरे को देने लगे थे| जॉन अपने बारे में बता रहा था तो फेनी सर झुकाए रेत पर अपनी उंगली फेर रही थी|

“मेरा भी इस दुनिया में कोई नही है सिवाय एक दोस्त के – उसे दोस्त कहूँ या भाई सब कम लगता है हमारे रिश्ते के लिए – वह उससे भी कही अधिक है – अनिकेत – मैं पहली बार लखनऊ हॉस्टल में मिला था उससे तब पता चला हम एक ही शहर बाराबंकी से है – बहुत अच्छा लगा उससे मिलकर कुछ ख़ास इन्सान है वह – मैं जो अकेलेपन में हमेशा डिप्रेस रहता था उससे मैंने जीवन जीना सीखा और अध्यात्म से भी जुड़ा – दुनिया को देखने का उसका कुछ अलग ही नजरिया है – आज वो यहाँ होता तो इस समस्या का कुछ अगल ही हल निकालता |” कहते कहते जॉन फेनी के चेहरे की ओर देखता है जो अब सर उठाकर आश्चर्य मिश्रित भाव से उसकी ओर देखने लगी थी|

“उसमे सच में कोई सुपरनेचुरल मानसिक शक्ति है जिससे वह कभी कभार कुछ ऐसा कर जाता है कि मैं हैरान रह जाता हूँ |”

“ओह तो अभी कहाँ है वो?”

“यूके में – अपनी थीसिस के लिए – पर जल्दी ही वह वापस भी आने वाला है – उसने मुझे मेसेज किया है – तब मैं तुमसे मिलवाऊंगा उसे |”

इस पर फेनी बस फीकी सी हँसी से सहमति देती ऊपर आसमान की ओर देखती हुई कहती है – “बहुत समय हो रहा है – अब मुझे चलना चाहिए |”

ये सुनते जॉन का चेहरा एकदम से गिर जाता है और बेहद उदासी भरे स्वर में वह कहता है – “क्या आज ऐसा नही हो सकता कि तुम कही मत जाओ !”

“जाने वाले को रोकने की बड़ी ठोस वजह चाहिए |” कहती हुई वह अपना हाथ जॉन की हथेली के बीच से खींच लेती है|

“मत जाओ न – आज की रात लग रहा है जैसे काश ये रात यही ठहर जाए इसकी सुबह कभी हो ही न |”

“नही…|” एकदम से फेनी सरगोशी करती हुई खड़ी हो गई – “ऐसा कभी नही होना चाहिए – जिस रात की सुबह नही होगी तो चारों ओर बस अँधेरे का सामराज्य फैला रह जाएगा – ऐसा कभी नही होना चाहिए |”

उस पल फेनी के चेहरे पर घबराहट के हाव भाव साफ़ नजर आ रहे थे पर जॉन अपनी सहज मुस्कान से मुस्कराता हुआ खड़ा होता हुआ कह रहा था – “मैं तो इस रात की बात कर रहा हूँ जिस रात ने मेरी पूरी जिंदगी को बदल दिया – फेनी अगर तुम्हे हॉस्पिटल जाने में देर हो रही है तो तुम जाओ – मैं भी सही समय पर पहुँचता हूँ |”

“क्या सचमुच तुम आओगे !”

“हाँ क्यों नही – आखिर कारण तो यही था मेरा यहाँ आने का |”

वह मुस्करा कर उसे विदा देता है तो फेनी झुककर अपना पाउच उठाती हुई उसे कंधे पर टांगने लगी| ऐसा करते जॉन की नज़र रेत पर पड़ी जहाँ अभी अभी फेनी बैठी उंगली से कुछ लिख रही थी, उसे आश्चर्य से देखता हुआ जॉन पूछ उठा –

“ये क्या लिखा तुमने रेत पर ?”

वह अचरच भरी नज़र से देख रहा था जिसपर सहज भाव से फेनी कहने लगी – “तुम्हारे लिए सन्देश |”

“पर ये शायद कोंकणी में लिखा है जो मुझे नही आती ?”

“सन्देश किसी भी भाषा में हो पर उनके अहसास पकड़ो तो सब समझ जाओगे – miochay…|” कहती हवा में हाथ लहराती फेनी बिना रुके चली गई|

उसके जाने तक जॉन खड़ा अभी भी रेत को घूर रहा था जिसका लिखा वह एक एक अक्षर सिर्फ पढ़ पा रहा था पर समझ कुछ नही आ रहा था – ‘Hav tujhar mog karta|’

क्या कहना चाहती थी फेनी जॉन बहुत देर उन शब्दों को घूरते हुए भी नही समझ पाया तब उन अक्षरों पर हाथ फिराते वह भी उठकर वहां से अपने होटल की ओर चल दिया|

गहराती रात में उसे अगले कुछ समय में ही फेनी के पास उस हॉस्पिटल में पहुंचना था| क्या होगा आगे जॉन के साथ !! जानने के लिए बने रहे यूँही साथ हमारे..

क्रमशः…….

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