एकसाथ सबकी नज़र उस ओर उठ गई जहाँ से वह सख्त कड़कती आवाज गूंजी थी| रानी साहिबा तो अपनी उसी
Category: एक राज़ अनसुलझी पहेली सीरीज – 3
सभी एकदूसरे को अजनबी निगाहों से देख रहे थे पर अगले ही पल सबके होने की हकीकतन मौजूदगी से सबके
आधी रात में महल में अलग ही तांडव मचा था पर इन सबसे बेखबर महल के होटल वाले हिस्से के
रेतीले दलदल में अनिकेत धस ही जाता अगर वह हाथ उसे अपनी ओर खींच न लेते| अनिकेत उन हाथो को