सबके चेहरों पर ऐसा सन्नाटा सा छा गया मानों राज़ की गहरी परते एकदम से सबके सामने उघड़ती सबको हैरान
सबके चेहरों पर ऐसा सन्नाटा सा छा गया मानों राज़ की गहरी परते एकदम से सबके सामने उघड़ती सबको हैरान
“अनिकेत जी आप हमे बस बता दीजिए कि पलक जी को ढूँढना कैसे है हम उन्हें ढूंढने के लिए सेना
उस पल अनिकेत को बस पलक को बचाने का ऐसा जुनून सवार था कि वह शौर्य की कुछ सुने बिना
शौर्य का कुलधरा जाने का बिलकुल मन नही था उधर नवल उसकी बात से थोडा उदास हो चला था लेकिन