कविता *तुम्हारी याद …..कविता तुम जंगल जंगल फिरो मैं भी आती हूँ पीछे तुम्हारे तुम जिस सूखे दरख़्त के पास
Category: कविताएँ
जब माँ नही दिखती बहुत देर तक,देहरी के आदमकद आईने में तब हम बहुत कुछ बन जाते है, अपना सामान न
एक गाँव होना चाहिए भ्लेहीं हम उस जमीं में न उगे हो फिर भी हमारी जड़े वहां मिलनी चाहिए हमारी ढेरों रंगीन तस्वीरों
लोग जानते है उन नामचीन औरतों को जिन्होंने सिनेमा,कला,खेल,समाज और दुनिया में नाम कर लिया लोग उन औरतों को भी जानते है जो बहुत